1. योनि-व्यापद रोगों की संख्या, निदान, सम्प्राप्ति, सामान्य चिकित्सा लिखते हुए सूचीमुखी एवं षण्डी योनि व्यापद पर विस्तार से लिखिए।
2. योनि भ्रंश (Genitial Prolapse) के कारण, लक्षण, भेद एवं चिकित्सा का उभयमतानुसार वर्णन कीजिए। [15]
3. उत्तरवस्ति की परिभाषा, काल, मात्रा, रोगाधिकार एवं विधि पर विस्तार से लिखिए। (15)
4. स्त्रियों में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न प्रकार के गर्भ निरोधक उपायों का वर्णन करते हुए इसकी उपयोगिता पर लिखिए। [15]
(क) Vitriolage
(ख) विषोपक्रम (चरकोक्त)
(ग) मदात्यय
(घ) संयोगज विष
VYAVAHAR AYURVEDA
1. कौमार्य का चिकित्साविधिक महत्व लिखते हुए मृत्यु के चिह्नों पर विस्तृत प्रकाश डालिए। [15]
2. दग्ध की परिभाषा, वर्गीकरण तथा मृत्योत्तर परिवर्तन का वर्णन कीजिए। [15]
3. निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिए : [5×4 = 20]
(क) निमञ्जन (Immersion)
(ख) मरणोत्तर नीलाभ (Lividity)
(ग) विभ्रम (Halucination)
(घ) Sign of Death का क्रमवार नामोल्लेख